Telecom क्या है और इंडस्ट्री काम कैसे करता है?
क्या आप जानते हैं की ये टेलीकॉम क्या है (What is Telecom in Hindi)? यदि नहीं तब आपको यह article आज जरुर से पढनी चाहिए. जैसे की हम ये जानते हैं की communication एक ऐसा process होता है जिसमें की information को source से destination तक transfer किया जाता है. इसमें Information कुछ भी हो सकती है जैसे की Voice, data, video ,graphics, pictures इत्यादि कुछ भी.
हम सब भी इस Communication technology को विगत कुछ वर्षों से अपने communication में इस्तमाल कर रहे हैं. जिस communication में telephone technology का इस्तमाल होता है उसे telecommunication कहा जाता है. इस technology में electomagnetic devices और systems का इस्तमाल होता है long distance communication करने के लिए. इसके मुख्य उदाहरण हैं telephone, radio और television. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को टेलीकॉम क्या होता है हिंदी में के विषय में पूरी जानकारी प्रदान करूँ जिससे आने वाले समय में आपको टेलीकम्यूनिकेशन से सम्बंधित को भी doubts न हों. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और टेलीकम्यूनिकेशन के विषय में और अधिक जानने की कोशिश करते हैं.
टेलीकॉम क्या है (What is Telecom in Hindi)
Telecommunications, को दुसरे शब्दों में telecom भी कहा जाता है. ये शब्द telecommunication, एक greek prefic tele से आया है जिसका मतलब है distant और इसे एक latin शब्द communicare जिसका मतलब है share करना. इन दोनों शब्दों को एक साथ जोड़ा गया है जिससे Tele-communication की उत्पत्ति हुई है. इसमें information का exchange होता है significant distances के बीच electronic means के माध्यम से और इसमें सभी प्रकार के transmission मेह्जुद होते हैं जैसे की voice, data और video transmission. Technically कहें तब यह एक broad term होता है जिसमें की एक wide range की information transmitting technologies को समझा जाता है जैसे की telephones (wired और wireless दोनों), microwave communications, fiber optics, satellites, radio और television broadcasting, internet और telegraphs.
एक complete, single टेलीकम्यूनिकेशन circuit में दो stations मेह्जुद होते हैं, प्रत्येक में एक transmitter और एक receiver होता है. इस transmitter और receiver को किसी भी station में combine किया जा सकता है एक single device में जिसे की एक transceiver कहा जाता है. इसमें signal transmission का medium कुछ भी हो सकता है electrical wire या cable (जिसे हम “copper” भी कहते हैं), optical fiber, electromagnetic fields या फिर light. Data की free space transmission और reception electromagnetic fields के द्वारा को कहा जाता है wireless communications.
टेलीकॉम का इतिहास
Telecommunications, या telecom, में signal की transmission long distances में होते हैं. इसकी शुरुवात telegraph की invention सन 1837 से हुई, जिसे बाद में Telephone के द्वारा सन 1876 में follow किया गया. जहाँ Radio broadcasts late 1800s में प्रारंभ हुआ वहीँ पहला television broadcasts की शुरुवात early 1900s में हुआ. अभी की बात करें तब टेलीकम्यूनिकेशन के popular forms में Internet और cellular phone networks पहले हैं.
पहले की telecommunications transmissions में analog signals का इस्तमाल किया जाता था, जिन्हें की copper wires के माध्यम से transfer किया जाता था. वहीँ आज भी telephone और cable companies उसी समान lines का इस्तमाल करते हैं, वैसे प्राय सभी transmissions अब digital हो गए हैं. इसीकारण के लिए ज्यादातर नयी telecommunications की wiring उन cables के द्वारा की जाती है जिन्हें की optimized किया जा सके digital communication के लिए, जैसे की fiber optic cables और digital phone lines.
चूँकि दोनों analog और digital communications electrical signals के ऊपर आधारित होते हैं, इसलिए transmitted data को instantaneously ही receive किया जा सकता है, चाहे वो कितनी भी दूरता में स्थित हों. ये लोगों को quickly communicate करने में मदद करता है चाहे वो पास में हो या दुनिया की किसी भी कोने में हों. इसलिए चाहे आप TV देख रहे हों, या एक email send कर रहे हों, या किसी दोस्त के साथ phone में बातें कर रहे हों, इन सभी कार्यों को मुमकिन करता है यह telecommunications.
टेलीकॉम नेटवर्क के प्रकार
Telecommunication अपने simplest form में दो stations के बीच होता है, लेकिन अब ये भी बड़ा आम बात हो गया है की multiple transmitting और receiving stations हो data को आपस में exchange करने के लिए. इसी प्रकार के arrangement को telecommunications network कहा जाता है. इस Telecommunication network का सबसे बड़ा उदाहरण है Internet. वहीँ छोटे scale में, दुसरे प्रकार भी शामिल हैं जैसे की :
- Corporate और academic wide-area networks (WANs)
- Telephone networks
- Cellular networks
- Police और fire communications systems
- Taxi dispatch networks
- Amateur (ham) radio operators का समूह
- Broadcast networks
Data को एक टेलीकम्यूनिकेशन circuit में transmit करने के लिए electrical signal को carrier या carrier wave के हिसाब से इस्तामला किया जाता है. वहीँ एक carrier को information convey करने के लिए, कुछ form की modulation की जरुरत होती है. Modulation की mode को broadly categorized किया जाता है analog या digital में.
Analog modulation में carrier के कुछ aspects को vary किया जाता है एक continuous fashion में. वहीँ analog modulation की सबसे पुरानी form होती है amplitude modulation (AM), जिसे की आज भी radio broadcasting के लिए इस्तमाल किया जाता है कुछ frequencies में. वहीँ अभी के समय में Digital modulation को इस्तामला किया जाता है. Modern telecommunications में IPs (internet protocols) का इस्तमाल होता है data को carry करने के लिए physical transmissions में.
एक समय के लिए सभी communications जो की आपके आसपास हो रहा हो उसके विषय में सोचो. जहाँ कुछ communications face to face होते हैं, वहीँ दूसरों में कुछ technology का इस्तमाल होता है. इसमें आप email, phone calls, text messaging, Internet browsing, फाइल downloading जैसे process के विषय में सोच सकते हैं. ये सभी communications telecommunications system का इस्तमाल करते हैं.
एक telecommunications system nodes का collection होता है और links होते हैं टेलीकम्यूनिकेशन को enable करने के लिए. Telecommunication एक प्रकार का communication होता है जिसमें की data को एक distance में भेजा जाता है electrical signals या electromagnetic waves के माध्यम से.
Telecommunications systems के उदाहरण हैं telephone network, radio broadcasting system, computer networks और Internet. इस system में nodes वो devices होते हैं जिनका इस्तमाल communicate करने के लिए होता है, जैसे की एक telephone या एक computer.
Telecommunication System के Components क्या है
अपने fundamental form में, एक telecommunication system में एक transmitter होता है information ग्रहण करने के लिए और वो उसे एक signal में convert कर देता है, एक transmission medium होता है उस signal को carry करने के लिए और एक receiver जो की उस signal को convert back करने के लिए usable information में. ये सभी प्रकार की communication system में लागु होता है, चाहे वो computers का इस्तमाल करें या नहीं.
ज्यादातर modern day telecommunications systems को सही तरीके से describe किया जा सकता है network से. वैसे देखा जाये तो Telecommunication Network के six basic components होते हैं जो की कुछ इसप्रकार हैं.
1. Input और output devices, जिसे की referred किया जाता है ‘terminals’.
ये प्रदान करते हैं सभी communication को starting और stopping points. एक telephone एक example होता है एक terminal का. Computer networks की भाषा में, इन devices को commonly refer किया जाता है ‘nodes’ में और इसमें रहते हैं एक computer और peripheral devices.
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